बस एक छोटी सी कोशिश...
मन को मनाने के अंदाज निराले है
हुए नही वो हम ही उसके हवाले हैं
उसने कसम दी तो न पी अभी तक
हाथ में पकड़े लो खाली प्याले है
दिल की बात जुबां पर लाये भी कैसे
ये भीड़ नही बस उसके घरवाले हैं
बात छोटी सी भी वो समझे नही
चुप रहेंगे भला जो कहने वाले हैं
इन्तजार की भी होती है हद दोस्तों
रूक न पायेंगे हम जो मतवाले हैं॥
सुनीता शानू